Author: chandel7
Prabhu Ki Rasoi
प्रभु की रसोई की पहली रसोई ३ अक्टूबर,२०२० को सेक्टर ७५ के शनि मंदिर के पास में लगायी गयी थी। वास्तव में इस रसोई की शुरुवात के पीछे रोटीका बैंक मिशन (विस्तृत विवरण A...
बैगन का भर्ता
एकदम आसान बैगन का भर्ता प्रयुक्त सामग्री :बैगन, टमाटर,लहसुन,प्याज,मिर्च ,धनिया,सरसो का कच्चा तेल,नमक। यह सब सामग्री आपको अपने स्वाद और जरूरत के अनुसार लेना है।अगर आपको आलू पसंद है तो बैगन के अनुपात में...
वरुण का आलू पराठा
आज (दिनांक २९ मई, २०२२) सुबह नाश्ते में आलू पराठा खाने का मन हुआ। तो यह आज मेरे मन में निश्चित हो गया कि पराठा तो खाना है, पर कुछ अलग। प्रयोग सामग्री: –१)...
NCERT Class 7
Fun with Science Courtesy: Princesses Sisters https://www.youtube.com/channel/UCXc4X9g9uUuhZ8fhHahPPJQ
घातक कोरोना
घनघनाते घंटनाद से आयीं घड़ी कोरोंना की घिघियाती घबराती घर भगने को घर के घनाभ में घुसा दिया घनाभ के घेर में घमंड के घनत्व का बड़ाव-घटाव हुआ घड़ी घड़ी घटेगा करोना की घनघनाहट पर घसीटना है घातक। घबराया है घरवाला,घरवाली और घरवाले, चलेगा कैसे घर घाम,घमौरी और घर्षण के घनचक्कर का घर नहीं है मन में घड़ियाल करोना,घनिष्ठता में घटियापन घाव कर रहा है घाट पर घबरायी घटनाओं के घंटनाद का घमाघम घेराव है । घिग्घी बंद है घने,घुंघराले,घूँघट,घुड़सवार,घुसपैठी,घुमंतू की घूलमिल और घूम-फिर नहीं सकते,घूघरू पहन घृणित हो गए घायल है घिस्सू घनाभ के घेरे में,घोंघा बसंत हो गया है घाटी घर घनाभ और घात के घेरे में घर गया है घुमक्कड़,घुड़सवार। घंटा बजा घड़ियाल बजा पर नहीं घटा घृणित का घात घुट्टी बना-बनाकर घोट लिया पर नही घटा घनचक्कर घूँघट पहनकर घूम रहा है घूँट-२ कर घिस रहा है घिसू घूप्प है घूर रहा है,घुसपैठ में है,टीका को घुसाने दे घिसू।
A mission to satisfy hunger during lock down.
During the Covid-19 pandemic, many citizens living in Noida metropolis like rickshaw drivers, daily wage laborers, roadside craftsmen and other artisans, shop workers, factory workers etc. were helpless after the lockdown was announced. The...
LOCKCOWN DIARIES
LOCKCOWN DIARIES 19th March 2020 To 5th June 2020 As you all know that there is a virus outbreak in the world right now .So, as precautions many countries are practicing lockdown. For example...
संघर्ष अभी शेष है
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता “समर शेष है” से प्रेरित होकर मैंने भी यहाँ कुछ लिखना चाहा है आशा है कि आपको पसंद आएगी संघर्ष अभी शेष है, विद्वानों में रोष है, जब...
मन व्यथित है
मन व्यथित है सुबह जल्दी उठने से, दुविधा है मन में नाश्ते में क्या खाया जाय, झल्लाहट है बच्चे को तैयार कर स्कूल भेजने की, ऑफिस के रास्ते में ट्रैफिक जाम से और, कार...